बहेना ने भाई के कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से,संसार बंधा है | रेशम की डोरी से - २ रेशम की डोरी से संसार बंधा है | सुन्दरता में जो कन्हैया है , ममता में यशोदा मैय्याँ है , वो और नहीं दूजा कोई वो तो मेरा राजा भैया है , बहेना ने भाई के कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से,संसार बंधा है | मेरा फूल है तू, तलवार है तू मेरी लाज का पेहेरेदार है तू मैं अकेली कहाँ इस दुनियां में मेरा तो सारा संसार है तू बहेना ने भाई के कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से,संसार बंधा है | हमें दूर भले किस्मत कर दे अपने मन से न जुदा करना सावन के पावन दिन भैया बहेना को याद किया करना बहेना ने भाई के कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से,संसार बंधा है | फिल्म - रेशम की डोरी (१९७६), सुमन कल्यानपुर द्वारा गाया गया था | |
Friday, August 20, 2010
बहेना ने भाई के कलाई से प्यार बाँधा है
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कवियित्री :- सुभद्रा कुमारी चौहान यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे , मैं भी उस पर बैठ कन्हिया बनता धीरे,धीरे... ले देती यदि बांसुरी...
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Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko; by :- Maithli Sharan Gupt . A very inspirational poem by a lovable poet...
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