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काटें
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रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
ओसो से नहाती देखी ।
पत्तियों के ओंठ से सरमाती देखी ॥
रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
सज - धज मुस्कुराते देखी ।
भ्वरो के लिए बैठी बेकरार सी देखी ॥
हवा के संग खेलती सी देखी।
अपने के लिए इंतजार सी देखी ॥
रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
औरो के लिए अर्पण सी देखी ।
टूटना ही जीवन सी देखी ॥
देखी कर्म ही झुक जाना ।
कलियो के स्वागत मे देखी ॥
स्वय ही मिट जाना ।
जब -जब देखी ऐसी ही देखी ॥
रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
- अमूल्या भारती
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काटें
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रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
ओसो से नहाती देखी ।
पत्तियों के ओंठ से सरमाती देखी ॥
रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
सज - धज मुस्कुराते देखी ।
भ्वरो के लिए बैठी बेकरार सी देखी ॥
हवा के संग खेलती सी देखी।
अपने के लिए इंतजार सी देखी ॥
रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
औरो के लिए अर्पण सी देखी ।
टूटना ही जीवन सी देखी ॥
देखी कर्म ही झुक जाना ।
कलियो के स्वागत मे देखी ॥
स्वय ही मिट जाना ।
जब -जब देखी ऐसी ही देखी ॥
रंग - बिंरगी फूलो को देखी ।
काँटो के संग हँसती देखी ॥
- अमूल्या भारती
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