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Jise tum samajhte ho abhishaap - Mamta Sharma
Ye kadam ka ped agar ma hota yamuna teere - यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे
कवियित्री :- सुभद्रा कुमारी चौहान यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे , मैं भी उस पर बैठ कन्हिया बनता धीरे,धीरे... ले देती यदि बांसुरी...
उठो धरा के अमर सपूतो - द्वारिका प्रसाद महेश्वरी Utho Dhara Ke Amar Saputo - Dwarika Prasad Maheshwari
उठो, धरा के अमर सपूतों। पुन: नया निर्माण करो। जन-जन के जीवन में फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो। नई प्रात है नई बात है नया किरन है, ज्योति ...
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