Friday, October 25, 2013

Dhanyawaad - Mamta Sharma

धन्यवाद
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पञ्च तत्वों को देहमें गढ़ कर,
उसमें देते प्राणको धर ,
लीला में हमकोरचते
धन्यवाद स्वीकार कीजिये   

माटी के तनमें अपनी,
 छवि कोदिखला- दिखला कर,
हम जैसों के मनको छलते
धन्यवाद स्वीकार कीजिये

कण कण मेंफैला ज्योति को,
अनहत - आहत मेंरमते ,
मंद - मंद उसपर हँसते
धन्यवाद स्वीकार कीजिये


ओर - छोर पता किसी को,
राह सुगम याअगम रस्ते ,
कस्तूरी बन, मनबसते 
धन्यवाद स्वीकार कीजिय

वाष्प में ढलमेघों में बदल,
हिम बन नदीझरनों में चल,
सागर वत हमकोधरते  

धन्यवाद स्वीकार कीजिये

- ममता शर्मा 
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