यह दिल
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बहुत सी बाते ऐसी है जो अनकही रह गई, सोचते ही रहे गए गर कह न सके
जो बात दिल की थी दिल में ही रह गई।
समय के चक्र से इस तरह बदली तस्वीर, कि न चाहते हुए भी वह बदल कर रह गई,
चाह जिसे अपने से भी ज्यादा, उसी ने दिल दुखाया बहुत ज्यादा
कह गए वह बात ऐसी, दिल में लगी आग जैसी, न चुभे सोचकर भी गर चुभ गई ।
आँखों में आये आंसू दिल में टीस उठी, आँखों कि नमी बस आँखों में रह गई ।
बहुत सी बाते ऐसी है जो अनकही रह गई।
अगर हम दूसरे थे तो दूसरे ही रह जाते, उस समय क्यों दिल लगाया था
क्यों उस में हमारे अरमानो का दिया जलाया था ।
क्या हम ही मिले तुम्हे दिल से खेलने के लिए जो तुम खेले और खेल कर चले गए ।
गर मालूम होता कि ऐसा होगा, न हम यह दिल लगाते न ही जख्म पाते
जिस तरह जी रहे थे उसी तरह जी जाते , अब तो यह आलम है न जीते है न मरते है ।
इस कदर हम अपनी खामोशियाँ हम से रूठ जाए,
खेले खूब हंसी के साथ, दिल में रहे न कोई आस ।
जो बात दिल की थी दिल में ही रह गई।
समय के चक्र से इस तरह बदली तस्वीर, कि न चाहते हुए भी वह बदल कर रह गई,
चाह जिसे अपने से भी ज्यादा, उसी ने दिल दुखाया बहुत ज्यादा
कह गए वह बात ऐसी, दिल में लगी आग जैसी, न चुभे सोचकर भी गर चुभ गई ।
आँखों में आये आंसू दिल में टीस उठी, आँखों कि नमी बस आँखों में रह गई ।
बहुत सी बाते ऐसी है जो अनकही रह गई।
अगर हम दूसरे थे तो दूसरे ही रह जाते, उस समय क्यों दिल लगाया था
क्यों उस में हमारे अरमानो का दिया जलाया था ।
क्या हम ही मिले तुम्हे दिल से खेलने के लिए जो तुम खेले और खेल कर चले गए ।
गर मालूम होता कि ऐसा होगा, न हम यह दिल लगाते न ही जख्म पाते
जिस तरह जी रहे थे उसी तरह जी जाते , अब तो यह आलम है न जीते है न मरते है ।
इस कदर हम अपनी खामोशियाँ हम से रूठ जाए,
खेले खूब हंसी के साथ, दिल में रहे न कोई आस ।
~~ कुसुम ~~
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