Wednesday, June 11, 2014

Prayatn - Sumit Jain

प्रयत्न
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मनुष्य का जीवन सफलता
और असफलता के बिच घिरा हुआ है
मानो इस का कारण प्रयत्न ही तो है
किसी को थोडा तो किसी को ज्यादा
और किसी को कुछ भी नहीं
प्रत्येक प्रयत्न सफल होता है
आज नहीं तो कल होता है

व्यक्ति हर पल प्रयत्न करता है
कभी वह अपने आप से
कभी नींद से जाग ने के लिए
कभी तो जाग कर सोने के लिए
कभी वह जित ने के लिए
कभी वह हार ने के लिए
कभी दुनिया से लढने के लिए
फिरभी वह प्रयत्न करता ही जाता

क्यों मनुष्य जल्दी से विचलित हो जाता है
और अपने को गम के आसु से भिगो देता है
क्यों बर्दाश्त नहीं कर सकता असफलता को
या क्यों खुश हो जाता है सफलता से
और क्यों भाग खड़ा होता है प्रयत्न करने से

पानी की बूंद- बूंद से घड़ा भरता है
वैसे ही थोड़ा थोड़ा प्रयत्न करने से
एक दिन सफलता मिल ही जाती है
प्रयत्न का मतलब ही तो स्वयं को खोजना
और जीवन को सही राह बताना है
सफलता की कुंजी ही है एक मात्र प्रयत्न

हमें जोड़ना होगा स्वयं को व्यक्ति से,
और व्यक्ति को धर्म से
मुक्ति के मार्ग पर चल ने के लिए
हमें प्रयत्न करना है - और करते रहना है!!
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सुमित जैन

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