Thursday, March 10, 2011

Aaj Ka Insaan - Ankita Jain

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आज का इंसान - अंकिता जैन
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दूर रहने पर इंसान की

अहमियत का पता चलता है,

पड़े जरुरत तब

वफ़ादारी का पता चलता है |



हर कोई यहाँ अपने तेरे में लगा है,

जो दूसरों के लिए सोचे

अब एसा इंसान कहाँ मिलता है |

लड़ने को सभी हर पल तैयार हैं,

हल और सुलह से हर कोई बचता है |


अपना अच्छा सोचें या न सोचें पर,

हर पल दूसरों की बुराई के सपने बुनता है |

शायद इसलिए हर इंसान आज,

अपनों के पास होकर भी अपनों के लिए तरसता है ||




~~ अंकिता जैन ~~

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