Tuesday, March 8, 2011

Maanav Kaaya - Ankesh Jain

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मानव काया

अंकेश जैन
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कुछ तत्वों का संगम है

कुछ नियमो की शक्ति है

मानव काया इस श्रृष्टि की

एक अनोखी गुत्थी है


आयामों की सीमा में यह

सदा मध्य में आती है

जितनी छोटी आकाश गंगा से

अणु को उतना पीछे पाती है


सदियों के विकसित क्रम का यह

परिणाम अनोखा लगता है

रहे समय के किसी दौर में

सदा ज्ञान को तकता है


भाव, बिभाव, शक्ति, सौन्दर्यता

जीवन के आयाम यहाँ

ध्येय ज्ञान है, लक्ष्य ज्ञान है

जीवन में विश्राम कहा

~~ अंकेश जैन ~~
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2 comments:

  1. bahut acchi panktiyan hai...
    jeevan ek aisa taufa hai jahan har chhan,har pal apko muskilon se jujhte hue , gyan liye ..sangharsh karte jaana hai...

    Jeewan ek shangharsh hai...

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