Monday, September 17, 2012
Jo darta nahin - Dr. Pawan Kumar Bharti
Labels:
Dr. Pawan Kr,
inspirational poems,
jo darta nahin
Location:
India
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कवियित्री :- सुभद्रा कुमारी चौहान यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे , मैं भी उस पर बैठ कन्हिया बनता धीरे,धीरे... ले देती यदि बांसुरी...
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उठो, धरा के अमर सपूतों। पुन: नया निर्माण करो। जन-जन के जीवन में फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो। नई प्रात है नई बात है नया किरन है, ज्योति ...

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