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इंतज़ार - अंकेश जैन
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अवसरों को ढूढना,
करना बहाना प्यार का
बीत जाएगी बहार,
खो न जाना यार |
फिर बजे जो बांसुरी,
ताल छेड़े जो मृदंग
सोचना है सामने,
फिर वही संसार |
देख मेघराज को,
खिलने लगे जो मन मयूर,
करना नियंत्रित कामना,
है चंचलता पाश |
बारिशो की बूँद को,
गिरने न देना ओष्ठ पर,
छल जायगी घटा,
वियोगी बयार |
में यहाँ सुदूर में,
शांत छंद रच रहा,
मेरी कवित्व साधना,
है तेरा इंतज़ार |
~~ अंकेश जैन ~~
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