Shikshak___by "Deep"
___Teacher's day poem
वो कौन सा है पद ,
जिसे देता ये जहाँ सम्मान ।
वो कौन सा है पद ,
जो करता है देशों का निर्माण ।
वो कौन सा है पद ,
जो बनाता है इंसान को इंसान ।
वो कौन सा है पद ,
जिसे करते है सभी प्रणाम ।
वो कौन सा है पद ,
जिकसी छाया में मिलता ज्ञान ।
वो कौन सा है पद ,
जो कराये सही दिशा की पहचान ।
गुरू है इस पद का नाम ।
मेरा सभी गुरूजनो को शत-शत प्रणाम ।
Thursday, February 4, 2010
Labels:
hindi,
hindi kavita,
Hindi literature,
hindi poem,
kavita,
हिंदी,
हिंदी कविता
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
कवियित्री :- सुभद्रा कुमारी चौहान यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे , मैं भी उस पर बैठ कन्हिया बनता धीरे,धीरे... ले देती यदि बांसुरी...
-
उठो, धरा के अमर सपूतों। पुन: नया निर्माण करो। जन-जन के जीवन में फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो। नई प्रात है नई बात है नया किरन है, ज्योति ...
No comments:
Post a Comment